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केंद्र सरकार ने फास्टैग को अनिवार्य रूप से लागू करने की तारीख को 15 जनवरी तक बढ़ाया.....!

Updated On : 16 डिसेंबर 2019


केंद्र सरकार ने फास्टैग को अनिवार्य रूप से लागू करने की तारीख को 15 जनवरी, 2020 तक बढ़ाया है। इससे पहले 1 दिसम्बर, 2019 (तत्पश्चात 15 दिसम्बर) से फास्टैग को अनिवार्य रूप से लागू करने की योजना थी। इस तिथि में बदलाव का करने का उद्देश्य लोगों को अपने वाहनों में फास्टैग लगाने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना है। गौरतलब है कि 15 जनवरी, 2020 के बाद बिना फ़ास्टैग वाले वाहनों को सामान्य से दोगुना टोल वसूला जाएगा। 15 जनवरी, 2020 तक टोल लेन में नकद में टोल का भुगतान किया जा सकेगा।


FASTag क्या है?

FASTag इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण प्रणाली है, इसका संचालन राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। FASTag के द्वारा टोल प्लाजा में रुके बिना ही व्यक्ति के खाते से टोल चार्ज अपने आप कट जायेगा, अब टोल कर अदा करने के लिए गाड़ी रोकने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।

FASTag एक प्रीपेड अकाउंट से जुड़े हुए होते हैं, इसके द्वारा टोल प्लाजा से गुजरते हुए व्यक्ति के खाते से टोल अपने आप ही कट जायेगा। FASTag के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।


FASTag की विशेषताएं

FASTag को ग्राहक अपनी पसंद के बैंक खाते से लिंक कर सकते हैं।


इससे ग्राहकों को काफी सुविधा होगी।

FASTag एप्प की सहायता से किसी भी FASTag को रिचार्ज किया जा सकता है।

बाद में FASTag का उपयोग पेट्रोल पंप पर इंधन को खरीदने के लिए भी किया जा  सकता है।

रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID)

रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का उपयोग करता है, यह उन टैग्स को डिटेक्ट करता है जिनमे इलेक्ट्रानिकली सूचना स्टोर की जाती है।


एक द्वि-मार्गीय रेडियो ट्रांसमीटर-रिसीवर टैग के लिए सिग्नल भेजता है तथा उसकी प्रतिक्रिया का अध्ययन करता है। RFID रीडर टैग के लिए एक एनकोडेड रेडियो सिग्नल भेजता है। टैग इस सिग्नल को रिसीव करता है तथा अपनी पहचान के साथ कुछ और सूचना को वापस भेजता है।

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