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दिशा एक्ट क्या है?

Updated On : 16 डिसेंबर 2019


आंध्र प्रदेश विधानसभा ने हाल ही में आंध्र प्रदेश क्रिमिनल लॉ संशोधन बिल (आन्ध्र प्रदेश दिशा बिल, 2019 अथवा दिशा बिल) को पारित कर दिया है, इस बिल के द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।


मुख्य बिंदु

इस बिल के द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए कड़ी सजा दी जायेगी, इस बिल का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अलावा कैबिनेट ने महिला व बाल अधिनियम, 2019 के तहत महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिए विशेष न्यायालय की स्थापना को भी मंज़ूरी दी है। यह कोर्ट पोक्सो अधिनियम के तहत आने वाले मामलों की सुनवाई भी करेंगे।

इस बिल के मुताबिक मामले के पंजीकरण के 21 दिन के भीतर निर्णय घोषित किया जाना चाहिए। इसके तहत बलात्कार तथा तेजाब हमलों को विशेष महत्व दिया जायेगा। इस नए कानून में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है।

इस नए कानून के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन शोषण के अपराधों के लिए दोषियों को 10 से 14 वर्ष कैद की सजा दी जा सकती है। इस कानून के तहत उन लोगों के विरुद्ध भी कड़ी कारवाई की जायेगी जो सोशल मीडिया पर महिलाओं के विरुद्ध अभद्र पोस्ट अपलोड करते हैं, इस मामले में पहली बार अपराध करने वाले व्यक्ति को दो वर्ष की जेल की सज़ा तथा दूरी बार अपराध दोहराने वाले व्यक्ति को चार वर्ष कैद की सजा दी जा सकती है।

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नविन जाहिराती
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