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सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या मामले के निर्णय पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया......!


Updated On : 13 डिसेंबर 2019


सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या मामले के निर्णय पर दायर करेगा पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। यह निर्णय मुख्य न्यायधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने किया, इसमें जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस.ए. नज़ीर और संजीव खन्ना शामिल थे। इस बेंच ने सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय ने 5 एकड़ की विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ भूमि प्रदान करने का आदेश दिया है।

यह निर्णय भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने सुनाया। इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण, एस.ए. बोबड़े, डी. वाई. चंद्रचूड़ तथा एस. अब्दुल नजीर शामिल है। इस फैसले का समर्थन पाँचों न्यायधीशों ने किया है।


अयोध्या भूमि विवाद की टाइमलाइन


1885 : महंत रघुबर दास ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रथम मुकद्दमा दायर किया।


1949 : बाबरी मस्जिद के अन्दर भगवान् श्री राम की मूर्तियाँ पायी गयीं।


1950 से 1950 के बीच हिन्दू तथा मुस्लिम संगठनों ने 5 अन्य मुकद्दमे दायर किये।


1992 : दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को नष्ट किया।


2010 : इलाहबाद उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन पार्टियों – निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा राम लल्ला में विभाजित किया था।

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